![]() प्रोफेसर सुब्रमण्यम अनन्त रामकृष्ण निदेशक, सीएसआईआर- सीएसआईओ, चण्डीगढ़ director[at]csio[dot]res[dot]in प्रोफेसर सुब्रमण्यम अनन्त रामाकृष्ण ने वर्ष 1995 में आईआईटी, कानपुर से
भौतिकी विषय में एम.एससी. (5 वर्ष समेकित) डिग्री
प्राप्त की तथा इसके बाद उन्होंने वर्ष 2001 में रमन अनुसंधान
संस्थान, बेंगलुरु से पीएच.डी. की़। अपनी पीएच.डी. के दौरान उन्होंने स्वर्गीय प्रोफेसर एन. कुमार के निर्देशन में एंडरसन लोकलाइजेशन के
टेंपोरल सिग्नेचर सहित रेंडम मीडिया में प्रकाश के प्रसार के सैद्धांतिक पक्षों पर
कार्य किया। इंपीरियल कॉलेज लंदन में सर जॉन पेंड्री के साथ पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधानकर्ता के रूप
में कार्य करने के बाद, उन्होंने वर्ष 2003 में आईआईटी, कानपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवा प्रारंभ की
तथा वर्ष 2012 में वे प्रोफेसर बने।
प्रोफेसर रामकृष्ण ने आईआईटी, कानपुर से लियन लेकर 27 जुलाई, 2020 को सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चण्डीगढ़ में निदेशक के पद पर कार्यभार संभाला।
वर्तमान में उनके शोध रुचि के क्षेत्रों में मेटामैटीरियल्स एवं प्लासमोनिक
के प्रौद्योगिकीय अनुप्रयोग शामिल हैं। प्रो. रामकृष्ण द्वारा लिखे गए
पेपर एवं प्रकाशन उनके गूगल प्रोफाइल पेज https://scholar.google.co.in/citations?user=tebIaWQAAAAJ&hl=en पर देखे जा सकते हैं।
शोध परिचय : प्रोफेसर रामकृष्ण
ने मेटामैटीरियल्स एवं प्लासमोनिक नैनोस्ट्रक्चर मैटीरियल्स के क्षेत्र में कार्य
किया एवं प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके 115 से अधिक पेपर प्रकाशित हुए। विभन्न
वैज्ञानिक सम्मेलनों में उनके लगभग 70 पेपर एवं ‘फिजिक्स एंड
एप्लीकेशन्स ऑफ नेगेटिव रिफ्रैक्टिव इंडेक्स मैटीरियल्स’ विषय पर एक मोनोग्राफ
भी प्रकाशित हुआ। मेटामैटीरियल्स एवं प्लासमोनिक पर उनके द्वारा किए गए कार्यों ने वैज्ञानिक समुदाय का विशेष ध्यान
आकर्षित किया और उनके इन कार्यों को काफी उद्धृत भी किया गया। उन्होंने अनेक नवीन
परिकल्पनाएं पहली बार प्रस्तावित कीं, जिनमें शामिल हैं : मेटामैटीरियल्स एवं
प्लासमोनिक संरचनाओं में एम्प्लीफायर मीडिया का प्रयोग; ट्रांसफॉरमेशन
ऑप्टिक्स का नेगेटिव इंडेक्स मैटीरियल में
पहली बार उपयोग ; ऑप्टिकल फ्रिकवेंसी मेटामैटीरियल्स का प्रथम डिजाइन ; अकॉस्टिक मेटामैटीरियल्स
में नेगेटिव रिफ्रैक्शन का प्रथम प्रदर्शन ; नाभिकीय/आण्विक अनुकंपन द्वारा मेटामैटीरियल्स
के नेगेटिव इंडेक्स मीडिया कोहरेंट कंट्रोल में वेव वैक्टर के लिए नेगेटिव रूट के चयन की
व्यापक व्याख्या, एनिसोट्रॉपिक मेटामैटिरियल्स फाइबर इत्यादि।
डिस्पर्सिव मीडिया में प्रकाश के ट्रैवर्सल टाइम पर उनके द्वारा किया गया कार्य डिस्पर्सिव
मीडिया में प्रकाश के फैलाव को समझने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में उनके
द्वारा किए गए कार्यों में माइक्रोवेव, इंफ्रारेड एवं
ऑप्टिकल फ्रिकवेंसी पर अत्यंत उच्च प्रतिबाधा वाले एंटीना के रूप में उत्तम अवशोषण
वाले मेटामैटेरियल्स पर उनके द्वारा लिखे गए पेपर
अत्यंत लोकप्रिय हैं। वैनेडियम डाइऑक्साइड एवं नॉनलीनियर मैटीरियल्स जैसे फेस चेंज
पदार्थों का उपयोग करते हुए सक्रिय रूप से परिवर्तित किए जाने वाले एवं नॉनलीनियर
मेटामैटीरियल अवशोषकों पर किया गया अनका कार्य अत्यंत प्रशंसनीय रहा। उन्होंने रक्षा
अनुप्रयोगों में वाहनों की विंडशील्ड एवं वायुयानों की कैनोपी के लिए प्रकाशीय
पारदर्शिता वाले इन्फ्रारेड एवं माइक्रोवेव मैटामेटीरियल्य के विकास के लिए सरंचित
इंडियम टिन ऑक्साइड थिन फिल्मों के प्रयोग में अग्रणीय कार्य किया। प्लासमोनिक नैनो-संरचनाओं की प्रकाशीय विशेषताओं एवं सरफेस एन्हांस्ड
रमन स्कैटरिंग (एसईआरएस) में उनके
प्रयोग ने भी वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया। विशेषकर प्लासमोनिक
प्रणालियों में ब्रॉडबैंड के अविश्वसनीय संचरण को उन्होंने पहली बार उच्च एकल
चैकरबोर्ड प्लासमोनिक संरचनाओं में प्रदर्शित किया। स्तंभाकार थिन फिल्म अथवा
बहु-परतीय गोल्ड-डाइलेक्ट्रिक थिन फिल्म एवं फ्लोरोसेंट डाइयों के निक्षेपण से
बहुत पुराने अदृश्य फिंगरमार्क को संवर्धित रूप से देखे जा सकने संबंधी उनके
कार्य ने खुरदरी धात्विक सतहों पर फिंगरमार्कों की जांच को संभव बनाया। वे इस
संबंध में थिन फिल्म के प्रयोग की जानकारी को सामने लाए] जिससे कि फ्रिंज कन्ट्रास्ट को बढाया जा सके] जो कि संभवत: इस क्षेत्र में किया गया प्रथम कार्य है। मैटामेटीरियल्स
एवं प्लासमोनिक में उनकी छात्रवृत्ति को व्यापक मान्यता प्राप्त हुई, जिसकी समग्र समीक्षा वर्ष 2005 में हुई तथा तदुपरांत वर्ष 2009 में
नेगेटिव रिफ्रैक्टिव इंडेक्स मैटीरियल्स पर उनकी पुस्तक प्रकाशित हुई। प्रोफेसर
रामकृष्ण वर्तमान में नैनो-मैटीरियल्स को सामान्य जीवन
में प्रयोग में लाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। उन्होंने राडार स्टेल्थ
एवं इन्फ्रा–रेड कैमोफ्लेज सहित अनेक प्रणालियों पर विविध सामरिक अभिकरणों की कई
परियोजनाओं पर कार्य किया है। प्रोफेसर रामकृष्ण ने पॉलिमर, सिरेमिक्स एवं धातु जैसे गैर-परम्परागत पदार्थों
की नैनो एवं माइक्रो स्ट्रक्चरिंग, थिन फिल्म निक्षेपण तकनीकें
एवं इलेक्ट्रोमेग्नेटिक कम्प्यूटर सिमुलेशन जैसे विविध क्षेत्रों में
विशेषज्ञता विकसित की है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की दृष्टि से, एक्सिमर लेज़र माइक्रोमशीनिंग, इम्प्रिंट
लीथोग्रेफी, शैडो मास्क डिपोजि़शन एवं रासायनिक संरचना
प्रक्रियाओं जैसी तकनीकों का विकास त्वरित आदिप्ररूपण एवं बड़े स्तर पर निर्माण
के लिए किया जा रहा है
विशिष्ट सम्मान ·
सीएसआईआर, भारत द्वारा दिया गया शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2016 ·
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रदत्त स्वर्ण जयंती फैलोशिप |